डेडली कैंसर का खेल खत्म! कुछ ही घंटों में ट्यूमर का चलेगा पता, जानें Cancer Fingerprint से कैसे बचेगी लाखों जानें?
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डेडली कैंसर का खेल खत्म! कुछ ही घंटों में ट्यूमर का चलेगा पता, जानें Cancer Fingerprint से कैसे बचेगी लाखों जानें?

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को लेकर विज्ञान ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. एक हालिया खोज में सामने आया है कि कैंसर के अलग-अलग प्रकार के अनोखे 'मॉलिक्यूलर फिंगरप्रिंट्स' होते हैं.

डेडली कैंसर का खेल खत्म! कुछ ही घंटों में ट्यूमर का चलेगा पता, जानें Cancer Fingerprint से कैसे बचेगी लाखों जानें?

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को लेकर विज्ञान ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. बार्सिलोना के सेंटर फॉर जीनोमिक रेगुलेशन के शोधकर्ताओं ने एक नई खोज की है, जिसमें बताया गया है कि कैंसर के अलग-अलग प्रकार के अनोखे 'मॉलिक्यूलर फिंगरप्रिंट्स' होते हैं. इस खोज से कैंसर का पता पहले से भी जल्दी और सटीक रूप से लगाना संभव हो सकेगा.

मानव फिंगरप्रिंट को अब कैंसर की पहचान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. शोध के अनुसार, फिंगरप्रिंट पैटर्न यानी 'डर्माटोग्लाइफिक्स' का विश्लेषण कर कैंसर के प्रकारों की पहचान की जा सकती है. इस शोध में छह प्रकार के कैंसर जैसे गाइनकोलॉजिकल कैंसर, ओरल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर, ल्यूकेमिया और पिट्यूटरी ट्यूमर पर अध्ययन किया गया.

नई तकनीक: नैनोपोर डायरेक्ट RNA सीक्वेंसिंग
इस शोध में 'नैनोपोर डायरेक्ट RNA सीक्वेंसिंग' नामक एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया. यह तकनीक फिंगरप्रिंट्स में मौजूद RNA मॉलिक्यूल का सीधे विश्लेषण करने में मदद करती है. रिसर्च टीम ने स्टेज I और स्टेज II के फेफड़ों के कैंसर के 20 मरीजों की सेहत और बीमार टिशू का अध्ययन किया और पाया कि कैंसर सेल्स में RNA के केमिकल मॉडिफिकेशन कम हो जाते हैं.

लाखों जानें बचाने की उम्मीद
इस नई खोज से न केवल कैंसर का जल्दी पता लग सकेगा, बल्कि नॉन-इनवेसिव डायग्नोस्टिक टेस्ट के जरिए इसका इलाज भी आसान हो जाएगा. प्रोफेसर ईवा नोवा, जो इस शोध का नेतृत्व कर रही थीं, ने कहा कि मानव फिंगरप्रिंट में पाए जाने वाले माइक्रो अंतर व्यक्ति की सेहत और बीमारियों के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं.

क्या कहती है रिसर्च?
शोधकर्ताओं ने चूहों और इंसानों के ब्रेन, हार्ट, लिवर और टेस्टिस जैसे अलग-अलग टिशू में RNA संशोधन के पैटर्न का अध्ययन किया और पाया कि हर टिशू में RNA संशोधन का अपना अनोखा पैटर्न होता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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